जोकि 2007 में गाजियाबाद जिले का पहला ऐसा प्राईमरी स्कूल बना जिसमें प्राईवेट स्कूलो से भी अच्छी स्थिति में डेस्क की व्यवस्था
कराई गई, 2008 में स्कूल परिसर में झूलो की व्यवस्था कराई गई, 2010 में कमप्यूटर लैब बच्चो के लिए संचालित कर एक
प्राईवेट “कमप्यूटर अध्यापिका ” को स्कूल में फाउण्डेशन द्वारा नियुक्त किया गया व स्कूल के शौचालय, दरवाजे-खिडकियां,
छत जो कि जर्जर हालत में थी सभी पर काम कराया गया व लगभग उनके स्थान पर नई व दुरूस्त व्यवस्था कराई गई
साथ ही पानी की समस्या से जूझ रहे बच्चो के लिए उनकी हाईट के हिसाब से वाटर स्टेशन की व्यवस्था कराई गई।